Law Commission Ke Jari Karda Form


तीन तलाक़
तलाक सलासह (तीन तलाक) या किसी भी मामले के समाधान के लिए केवल सुन्नी तंजीम द्वारा सरकार से मांग की जाए |
प्रस्तुत: ऑल इंडिया उलमा व माशाइख बोर्ड लखनऊ
सवाल:
 अस्लामो अलैकुम वरहमतुअल्लाह वबरकातहु
 सभी उल्मा ऐ किराम से आग्रह है के इस सवाल का जवाब इनायत फरमाए |
तलाक सलासा (तीन तलाक) की जो समस्या चल रही है जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इनमें कुछ जगहों पर सुन्नी उलमा और देवबंदी जमाअत सब मिलकर एक ही मंच पर रहकर विरोध कर रहे हैं एक दूसरे से हाथ मिलाने और गले लगाने का मुआमलात भी हो रहे हैं तो क्या यह सही है ऐसे जगहों पर जा सकते हैं उलमा ऐ किराम जवाब इनायत फरमायें |
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जवाब:
आवाज सही उठाना महत्वपूर्ण कर्तव्य है, यहां तक के भरपूर कोशिश की जानी चाहिए, लापरवाही और सुस्ती की चादर उतार फेकनी चाहिए। मगर इसका मतलब हरगिज हरगिज यह नहीं कि एक बुराई को खत्म करने के लिये दूसरी बुराई से पीड़ित हुआ जाये।
अहले सुन्नत व जमात को अपने ही खास सुन्नी स्टेज से संघर्ष करना चाहिए, बद-मजहब और बद-अक़ीदा लोगो को अपने स्टेज पर सम्मान देना, गले मिलना, हाथ मिलाना कैसे उचित हो सकता है?
सैयद आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:
अनुवाद: जिसने किसी बद-मजहब की सम्मान की दरअसल उसने इस्लाम के ढहा देने पर मदद की। (शुबुल इमान, अल-बहीक़ी)
अलहम्दु लिल्लाह ! अहले सुन्नत वल जमात हर जगह बड़ी संख्या में मौजूद हैं, न जाने फिर भी सुन्नी कौम के कुछ नेता व रहनुमा हर मामले में दूसरों पर निर्भर क्यों रहते हैं ? और ऐसा  सोच व विचार अपने मन में क्यों लाते हैं कि जब तक बद-मजहब और बद-अकीदा लोगों को साथ न मिक्स करेंगे तो बात नहीं बनेगी।
जंगे बद्र से कौन परिचित नहीं ? और युद्ध में संख्या का बढ़ाना कितना पसंदीदा होता है मगर सैयद आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इस नाजुक मौके पर भी मुशरिको की सहायता कबुल नहीं की।
कौम के नेताओं और रहनुमा को भी चाहिए कि वे इस्लाम की सर बुलन्दी के लिए दूसरों के कन्धों की सवारी से बचें, अपनी ताकत ए ईमानी का सामने लाएं, अपनों को जमा करें , और अपनी ताकत को एक प्लेटफोर्म पर जाहिर करें ।
लिहाजा सिर्फ और सिर्फ सुन्नी स्टेज से तहरीक चलाई जाये और फकत सुन्नी के साथ मिल कर आवाज हक बुलंद करें ।
واللہ تعالی اعلم
अज क़लम : अल्लामा हामिद सरफराजी क़ादरी साहब
तो आईए ! हम भी ऑल इंडिया उलमा व माशाइख बोर्ड के परचम तले अपनी आवाज़ बुलुंद करते हैं और यह फॉर्म भर कर के अपनी नज़दीकी बोर्ड के ऑफिस (AIUMB) में जमा करें या ई-मेल के ज़रिए मेल कर दें |
अपीलकर्ता :
आले रसूल अहमद
ऑल इंडिया उलमा व माशाइख बोर्ड लखनऊ
7317380929, 9936459242, 9212357769
Website: www.aiumb.org
    

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