नई दिल्ली,
सूफी मुसलमानों की संगठन ऑल इंडिया उलमा व
मशाईख बोर्ड ने जमीअतुल उलेमा की अचानक अजमेर शरीफ की तारीफ करने और वहाबियत से
परहेज पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए यह सवाल किया है कि तकरीबन 100 साल बाद जमीअतुल उलेमा के विचार में अचानक परिवर्तन का कारण भारतीय मुसलमान को
गुमराह करने की कोशिश के सिवा और क्या है सकता है ???
हज़रत मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी
अल-जिलानी किछौछ्वी ने यहां आज एक बयान में कहा कि राजस्थान के महासचिव का यह बयान
सरा सर धोके पर आधारित है कि उनका सिलसिला वहाबियत से नहीं, बल्कि चिश्तिया से है।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं जब वहाबी विचारधारा ने चौला बदल मुसलमानों को धोखा देने की कोशिश की हो। इतिहास गवाह है जब भी उन्हें उलेमाए अहले सुन्नत ने उजागर किया वह अपने चेहरे पर कोई नया चेहरा डाल कर लोगों की हमदर्दी बटोरने का ढोंग किया है।
सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने सवाल किया कि अगर वाकई इन लोगों का संबंध वहाबियत से नहीं है तो जमीअतुल उलेमा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपने पूर्वजों के इन लेखों, भाषणों, बयानों और मान्यताओं और सिद्धांतों का खंडन संभव होगा जिनमें खुद को वहाबी कहने के शब्द मौजूद है।
सैयद मोहम्मद अशरफ किछ्वछवी ने कहा कि मौलाना खत्री कासमी ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि पहली बार देश भर के दरगाहों के सजादगान को जमीअतुल उलेमा किसी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। सवाल यह है कि क्यों ???
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं जब वहाबी विचारधारा ने चौला बदल मुसलमानों को धोखा देने की कोशिश की हो। इतिहास गवाह है जब भी उन्हें उलेमाए अहले सुन्नत ने उजागर किया वह अपने चेहरे पर कोई नया चेहरा डाल कर लोगों की हमदर्दी बटोरने का ढोंग किया है।
सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने सवाल किया कि अगर वाकई इन लोगों का संबंध वहाबियत से नहीं है तो जमीअतुल उलेमा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपने पूर्वजों के इन लेखों, भाषणों, बयानों और मान्यताओं और सिद्धांतों का खंडन संभव होगा जिनमें खुद को वहाबी कहने के शब्द मौजूद है।
सैयद मोहम्मद अशरफ किछ्वछवी ने कहा कि मौलाना खत्री कासमी ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि पहली बार देश भर के दरगाहों के सजादगान को जमीअतुल उलेमा किसी सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। सवाल यह है कि क्यों ???
इससे पहले उन्हें आमंत्रित करने की जरूरत
क्यों नहीं पड़ी???
सरकार गरीब नवाज की सेवाओं को स्वीकार आज
कर रहे हैं, जबकि 100 सौ साल का समय बीत
गया अब तक उन का ख्याल नहीं आया .जमीअतुल उलेमा राजस्थान के महासचिव ने कहा कि
पहली बार नातिया मुशायरा भी होगा। उन्होंने इस बात का भी बयान कि भारत में जो
वहाबी विरोधी आंदोलन चल रही हैं, जमीअतुल उलेमा भी इस आंदोलन का लक्ष्य है, इसीलिए उन्हें सफाई की जरूरत पड़ गई।
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने सवाल किया कि आज क्यों दरगाह, सज्जादा नशीन, और सूफी से अचानक मुहब्बत पैदा हो गई ???
मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी किछौछ्वी ने सवाल किया कि आज क्यों दरगाह, सज्जादा नशीन, और सूफी से अचानक मुहब्बत पैदा हो गई ???
सैयद मोहम्मद अशरफ अशरफी अल-जिलानी
किछौछ्वी ने कहा कि यह चोला बदलने और गुमराह करने की साजिश है जिससे भारतीय मुसलमानों
को सावधान रहने की जरूरत है।
ऑल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड से जुड़ने और
जोड़ने के लिए संपर्क करें
All India Ulama & Mashaikh Board
Head office: 20-Johri Farm, 2nd Floor, Lane No. 01, Jamia Nagar,
Okhla, New Delhi-25
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State office UP. 106/73, Nazar Bagh, Cantt. Road Lucknow-226001
Contact No. +91-7317380929, +91-9936459242
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